एक वक्त था जब भारतीय सड़कों पर राजदूत बाइक की गूंज हर तरफ सुनाई देती थी। 1980 के दशक में जब यह बाइक लॉन्च हुई, तब यह सिर्फ एक दोपहिया वाहन नहीं थी, बल्कि उस दौर की पहचान बन चुकी थी। अपने दमदार इंजन, भरोसेमंद प्रदर्शन और स्टाइलिश लुक की वजह से इसने लाखों भारतीयों का दिल जीत लिया था। गाँव से लेकर शहर तक, राजदूत बाइक हर घर में गर्व का प्रतीक मानी जाती थी।
Rajdoot का शानदार डिज़ाइन और मजबूत बनावट
राजदूत अपनी क्लासिक डिज़ाइन और मजबूत बॉडी के लिए मशहूर रही। इसमें 19 इंच के बड़े पहिए, ड्रम ब्रेक्स और टेलीस्कोपिक फ्रंट सस्पेंशन दिए गए थे, जो भारतीय सड़कों के लिए एकदम उपयुक्त थे। करीब 115 किलोग्राम वज़न होने के बावजूद इसकी बैलेंसिंग कमाल की थी। इसका 11.5 लीटर का फ्यूल टैंक लंबी दूरी की यात्रा के लिए इसे बेहतरीन बनाता था। सीट आरामदायक थी, जिससे सवार को लंबी राइड में भी थकान महसूस नहीं होती थी।
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Rajdoot का दमदार इंजन और परफॉर्मेंस
राजदूत में 175cc का टू-स्ट्रोक सिंगल सिलेंडर इंजन दिया गया था, जो लगभग 9 बीएचपी की पावर और 1.4 किलोग्राम-मीटर टॉर्क जनरेट करता था। इसमें 4-स्पीड गियरबॉक्स दिया गया था जो स्मूद परफॉर्मेंस प्रदान करता था। इसकी टॉप स्पीड करीब 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक जाती थी। मजबूत इंजन के कारण यह बाइक खेतों, पहाड़ी इलाकों और खराब सड़कों पर भी बिना रुके चल जाती थी, इसी वजह से यह ग्रामीण भारत में भी बेहद लोकप्रिय रही।
Rajdoot का माइलेज और कीमत
राजदूत बाइक की माइलेज 35 से 45 किलोमीटर प्रति लीटर तक थी, जो उस समय के हिसाब से काफी अच्छी मानी जाती थी। टू-स्ट्रोक इंजन होने के कारण इसमें थोड़ी अधिक पेट्रोल खपत होती थी, लेकिन इसकी मेंटेनेंस कॉस्ट बेहद कम थी। 1980 से 1990 के दशक में इसकी कीमत लगभग ₹10,000 से ₹15,000 के बीच थी। आज भी अगर कोई पुरानी राजदूत बाइक अच्छी कंडीशन में मिल जाए, तो उसकी कीमत ₹20,000 से ₹50,000 तक हो सकती है। यह सिर्फ एक बाइक नहीं, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास का एक सुनहरा अध्याय है।